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समाचार पत्र "सिडनी मार्निग हेराल्ड" ने ली के हवाले से लिखा है कि तेंदुलकर के अलावा वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा और इंग्लैंड के धुरंधर बल्लेबाज केविन पीटरसन के खिलाफ भी मैदानी छींटाकशी की विपक्षी टीमों की रणनीति नाकाम होती है।
ली ने कहा, ""तेंदुलकर, लारा और पीटरसन कुछ चुनिंदा खिल़ाडी हैं, जिनके खिलाफ छींटाकशी न की जाए तो बेहतर है क्योंकि मौका मिलने पर ये खिल़ाडी जोरदार प्रहार करते हैं और टीम की सारी रणनीति तहत-नहस कर देते हैं। ऎसे में इनके खिलाफ छींटाकशी की रणनीति से बचना ही बेहतर होता है।""
तेंदुलकर के बारे में ली ने खास तौर पर कहा कि मैदान में यह महान बल्लेबाज आमतौर पर किसी से बात करना पसंद नहीं करता लेकिन मैदान के बाद उसका व्यवहार बिल्कुल संयमपूर्ण होता है। यह साबित करता है कि वह कितने सुलझे हुए खिल़ाडी और इंसान हैं।
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