Wednesday, October 20, 2010

32 साल के हुए नजफगढ के नवाब

नई दिल्ली। भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग अपना 32वां जन्मदिन मना रहे है। मुल्तान का सुल्तान जो बल्ला लेकर जब मैदान में उतरता है तो विपक्षी खेमे के दिलों में दहशत पैदा हो जाती है और जब बल्ले की हुंकार शुरू होती है तो गेंदबाजों की हालत पतली हो जाती है।
यू तो पिछले ग्यारह सालों से नजफगढ का नवाब नाम की सूनामी कहर बनकर क्रिकेट के मैदान पर विपक्षियों के छक्के छुडा रही है। तभी तो देश के हर क्रिकेट के चाहनेवालों को वीरू पर नाज है और आज देश का यह लाल 32 साल का हो गया है।
आज ही के दिन 1978 में देश के दिल्ली में वीरू ने जन्म लिया था। कहते है कि न कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है। वीरू के साथ भी ऎसा ही था।
क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानकर क्रिकेट की दुनिया का बडा सितारा बनने का ख्वाब संजोए हुए वीरू ने अपने क्रिकेट का सफर एक अप्रैल 1999 से शुरू किया और फिर खुद को साबित करते रहने की ललक में सहवाग ने हर ऊचाईयों पर अपने नाम का सिक्का जमाया। सहवाग की बल्लेबाजी की खास बात यह रही कि उनका बल्ला किस सरहद की दायरों में नहीं बंधा।
अमूमन भारतीय बल्लेबाजों के बारे में कहा जाता था कि भारतीय बल्लेबाजों का दमखम अपनी धरती पर ही ज्यादा दिखता है लेकिन सहवाग ने इन तमाम बातों को झूठा साबित करते हुए खुद को हर धरती पर साबित कर दिया और बन गए रनमशीन। तभी तो कभी नजफगढ के नवाब तो कभी बने मुल्तान के सुल्तान। यह तो अभी शुरूआत थी।
कारनामों क फेहरिस्त तो अभी बननी बाकी थी। क्रिकेट के हर फॉरमेंट में वीरू का मिजाज और अंदाज बेहद आतिशी दिखा। बैलोस बेखौफ, वहं अंदाज उन्हें और बल्लेबाजों से अलग करता है। मैदान पर जब भी उतरे अपने ही अंदाज मे विरोधी गेंदबाजों के छक्के छुडा कर रख दिए। वाकई कमाल के हो आप वीरू और हम दुआ करेंग कि वीरू आप यूं बढती उम्र के साथ और भी ऊचाइयों को छूए, क्यो आप पर हर भारतवायों को नाज है ।

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